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पर्यटन दिवस विशेष: ‘छोटी काशी’, मेंढक मंदिर…, लखीमपुर खीरी में दुधवा के अलावा ये भी हैं पर्यटन स्थल

पर्यटन दिवस विशेष: ‘छोटी काशी’, मेंढक मंदिर…, लखीमपुर खीरी में दुधवा के अलावा ये भी हैं पर्यटन स्थल

बंदे भारत लाइव न्यूज़ टीवी
जिला प्रमुख की खास रिपोर्ट
राहुल मिश्रा लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश
घूमने का प्लान बना रहे हैं तो लखीमपुर खीरी बेहतर विकल्प है। तराई में बसे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में धार्मिक स्थलों के साथ प्राकृतिक सुंदरता भी है। दुधवा नेशनल पार्क में जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं। बाघ, हाथी और अन्य वन्यजीवों के दीदार हो जाएंगे। थारू समाज की जीवन शैली से भी रूबरू होने का मौका यहां मिलता है। थारू व्यंजनों का लुत्फ भी उठाया जा  सकता है। सिंगाही का किला भी देख सकते हैं।
lakhimpur kheri tourist places gola gokarnath temple medak mandir dudhwa national park

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छोटी काशी में बम-बम भोले की जयकार
जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर गोला गोकर्णनाथ छोटी काशी के नाम से मशहूर हैं। यहां के पौराणिक शिव मंदिर में माथा टेकने देश के दूर प्रांतों से भी लोग पहुंचते हैं। सावन में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने को लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। गोला में कई अन्य प्राचीन मंदिर भी हैं। गोला पहुंचने के लिए लखनऊ से सीधी ट्रेन और बस सेवा है।
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ओयल का मेंढक मंदिर
जिले की धार्मिक पहचान में ओयल का मेंढक मंदिर भी शामिल है। मेंढक के आकार पर बने अनोखे मंदिर का विशेष महत्व है। मंदिर गेट पर बना कुंआ भी कई रहस्य समेटे है। ओयल भी लखनऊ से सीधी रेल सेवा और बस मार्ग से जुड़ा है।
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दुधवा नेशनल पार्क में बाघ और हाथियों का दीदार
दुधवा नेशनल पार्क का जिले की पर्यटन व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। यहां सैलानियों को बाघ, हाथी और अन्य वन्यजीवों के दीदार होते हैं। जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के साथ थारू व्यंजनों का स्वाद भी चखा जा सकता है। दुधवा में ही किशनपुर सेंक्चुरी भी प्राकृतिक नजारों से भरा है।
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